भोपालमध्य प्रदेशराजनीति

अब कांग्रेस के होंगे दीपक जोशी : बागली और हाटपिपल्या से विधायक रहे दीपक का ऐलान- छह को थामेंगे कांग्रेस का हाथ

भोपाल I भाजपा को बड़ा झटका लगा है। राजनीति के संत कहे जाने वाले पूर्व सीएम कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी ने भाजपा छोड़ने का फैसला किया है। वे 6 मई को भोपाल में कांग्रेस ज्वाइन करेंगे। भोपाल के एक दैनिक समाचार पत्र पत्रिका से बातचीत में दीपक जोशी ने इसकी पुष्टि की है। अब चुनावी रण भी दिलचस्प हो जाएगा।

दीपक जोशी स्थानीय राजनीति को लेकर काफी समय से नाराज चल रहे थे। 2018 में कांग्रेस प्रत्याशी मनोज चौधरी से चुनाव हार गए थे। मार्च 2020 में सत्ता परिवर्तन के समय मनोज कांग्रेस छोड़ भाजपा में आ गए। उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर जीते। इस दौरान दीपक जोशी लगातार अनदेखा होने से नाराज रहे। स्थानीय स्तर पर मनोज का वर्चस्व बढ़ने लगा तो यह नाराजगी बढ़ती गई। हाल ही में देवास नगर निगम में चार गाड़ियों का कथित घोटाला हुआ। इस पर दीपक ने आरोप लगाकर कार्रवाई की मांग की, लेकिन कुछ नहीं हुआ। साथ ही दीपक जोशी खेमे के कार्यकर्ताओं कुछ गुमटियों को अतिक्रमण मुहिम में तोड़ा गया। इस पर उन्होंने सख्त नाराजगी जताई थी। इसके बाद दीपक जोशी ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है।

दीपक जोशी ने कहा कि ईमानदारी पर चोट बर्दाश्त नहीं कर सकता। जो कार्यकर्ता 50-60 साल से भाजपा में हैं, उनके बजाय बाहरी लोगों को तवज्जो देना ठीक नहीं। बार-बार जो गलत हुआ वो सत्ता-संगठन को बताया लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकता। मैं अब कांग्रेस के दरवाजे जा रहा हूं। कैसा और क्या स्वागत करना है अब वो तय करेंगे। टिकट या चुनाव की बात नहीं की। ईमानदारी और स्वाभिमान से समझौता नहीं हो सकता। गौरतलब है कि सोमवार सुबह ही कमलनाथ ने इशारा किया था। मीडिया ने पूछा तो कहा कि निर्णय दीपक जोशी को ही करना है।

2020 में उपचुनाव के समय भी हुए थे नाराज

जब मनोज चौधरी भाजपा में आकर हाटपिपल्या से चुनाव लड़ने वाले थे, तब दीपक ने कहा था कि मेरे सामने विकल्प खुले हैं। इसके बाद प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचकर अध्यक्ष वीडी से मुलाकात की थी। उपचुनाव के ठीक पहले सीएम शिवराज सिंह से भी मिले थे। बाद में दीपक ने नाराजगी दूर होने की बात कही थी।

‘ईमानदारी पर चोट बर्दाश्त नहीं, बाहरी लोगों को तवज्जो भी ठीक नहीं…’

  1. 1983 में भाजयुमो कार्यसमिति सदस्य बने। तब से लगातार सक्रिय।
  2. 2000 में भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष बने
  3. 2003 में बागली सीट से विधायक बने थे दीपक
  4. 2008 में बागली आरक्षित सीट होने से हाटपिपल्या सीटसे लड़कर जीते
  5. 2013 में हाटपिपल्या सीट से फिर जीते, भाजपा सरकार में राज्यमंत्री बने
  6. 2018 में हाटपिपल्या सीट से मनोज चौधरीसे चुनाव हार गए थे

जनसंघ के जमाने से काम: पिता कैलाश जोशी जनसंघ के जमाने से काम करते रहे। भाजपा को प्रदेश में मजबूत करने में योगदान रहा। 1977-78 में सीएम बने। आठ बार विधायक, दो बार सांसद रहे।

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