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भारतीय वायु सेना में पहली महिला फाइटर पायलट बनने वाली अवनी चतुर्वेदी ने विदेश में फाइटर प्लेन उड़ा कर रचा इतिहास

अवनी चतुर्वेदी: मध्यप्रदेश के छोटे से जिले रीवा की रहने वाली अवनी चतुर्वेदी ने फिर से रचा इतिहास. यह कहना गलत नहीं होगा कि किसी भी सपने को पूरा करने के लिए अमीरी-गरीबी मायने रखती है, इस बात को रीवा की होनहार अवनी चतुर्वेदी ने साबित कर दिया है. उन्होंने अपने घर वालों का ही नहीं बल्कि पूरे देश का नाम ऊंचा कर दिया है. अवनी चतुर्वेदी भारत की पहली फाइटर पायलट बनने वाली महिला है, ऐसा करने से उन्होंने देश में तो नाम कमाया ही था लेकिन अब उन्होंने युद्ध अभ्यास में हिस्सा लेने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बनकर उन्होंने विदेश में भी अपने झंडे गाड़ दिए.

आपको बता दें स्क्वाड्रन लीडर अवनी चतुर्वेदी ने भारत और जापान के बीच हया कुरी एयर बेस पर हो रहे युद्धाभ्यास वीर गार्जियन 2023 में सुखोई फाइटर प्लेन उड़ाया. बता दें कि भारतीय वायुसेना ने अवनि चतुर्वेदी को जून 2016 में अपनी लड़ाकू स्कवाड्रन में शामिल किया था. 2018 में अकेले मिग 21 फाइटर प्लेन उड़ाने वाली महिला फाइटर पायलटों में शामिल रहीं. अवनी फिलहाल सुखोई 30 एमकेआई फाइटर प्लेन उड़ाती है.

अवनी की व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो उन्हें उनके घर में सभी प्यार से बुलबुल बुलाते थे. उनका बचपन से ही सपना था कि वह आसमान की ऊंचाइयों में उड़े. अवनी और उनका परिवार मूलतः सतना जिले के कोठी कंचन गांव की रहने वाली थी. बाद में वे रीवा आकर बस गए. अवनी के पिता दिनकर तिवारी बाणसागर परियोजना देवलोंद में इंजीनियर के पद पर थे. अवनी के स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने राजस्थान के वनस्थली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया और भारतीय वायु सेना में शामिल हुई. उनकी ट्रेनिंग हैदराबाद एयरफोर्स अकैडमी में हुई थी.

आपको बता दे जब कल्पना चावला की मौत हुई थी और घर में इस बात की सब चर्चा कर रहे थे तब घर की बुलबुल ने कहा कि आप लोग चिंता मत करिए एक दिन मैं भी कल्पना चावला की तरह जरूर बनूंगी. आज उनके घर वालों को ही नहीं पूरे देश को उन पर गर्व है.

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