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Rewa News : मोदी सरकार ने सेवा सुशासन एवं गरीब कल्याण के अनुकरणीय कार्य किये : सांसद जनार्दन मिश्रा

रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने पत्रकार वार्ता के माध्यम से केन्द्र सरकार की उपलब्धियों के साथ मानसून सत्र 2023 में सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुये कहा की विपक्ष घमंडिया गढबंधन द्वारा लगातार ब्यवधान डलने के बावजूद मानसून सत्र में अत्यन्त सफल एवं प्रभावी सत्र रहा है। जिस तरह से सत्र प्रारम्भ होते ही विपक्ष के घमंडी गढबंधन द्वारा संसद की कार्यवाही को बाधित करते हुये देश की जनता को गुमराह करने का षणयंत्र रचा गया। जैसे-जैसे संसद सत्र आगे बढ़ा विपक्ष का असली चेहरा उजागर हो गया। मानसून सत्र में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अनेक विधेयक पारित हुये। जिससे आम नागरिकों के जीवन को और अधिक सरल एवं सुविधाजनक बनाने हेतु महत्वपूर्ण विधायी कार्य पूर्ण किये गये। सत्र के दौरान लोकसभा राज्यसभा के साथ 25 सरकारी विधेयक प्रस्तुत किये गये जिसमें 23 विधेयक दोनों सदनों में पारित हुये। सरकार ने औपनिवेशिक आपराधिक कानूनों को अमृत काल के अनुरूप सुधार लाने के उद्धेश्य से देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार के लिये तीन विधेयक भी प्रस्तुत किये तीनों विधेयकों को स्थाई समिति के पास भेज दिया गया। जिसमें व्यापक कानूनी सुधार किये गये है। गृह मंत्री अमित शाह ने 19वीं शताब्दी के 3 महत्वपूर्ण कानूनों को भारतीय प्रारूप के अनुसार तैयार किया है। भरतीय दण्ड संहिता 1860 की जगह न्याय संहिता, दण्ड प्रक्रिया संहिता की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता तथा साक्ष अधिनियम 1872 की जगह भारतीय साक्ष अधिनियम 2023 लाकर तीनों महत्वपूर्ण कानूनों का भारतीयकरण एवं समसामयिक रूप दिया गया है। कई बार कानूनों में परिवर्तन का सुक्षाव दिये गये थे। 1971 में विधि आयोग की 42वीं रिपोर्ट से इस तरह के व्यापक बदलाव का सुक्षव दिया गया था । कानूनों से अपसांगिक धाराओं को भी हटाया गया ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने सेवा सुशासन तथा गरीब कल्याण के अपने संकल्प को पूरा कर देश ही नहीं दुनिया के सामने जो उदाहरण प्रस्तुत किये है वह अकल्पनीय एवं अनुकरणीय है। मोदी के नेतृत्व ने केन्द्र सरकार ने 9 वर्षों में देश को हर दिशा में प्रगति के नए सोपान रचे है। जिस पर पूरा देश गौरवान्वित है। मोदी का चमत्कारिक नेतृत्व जिसके कारण आज पूरी दुनिया में भारत का डंका बज रहा । मोदी ने गरीब की सेवा का भाव हर पल रखते हुये उनकी चिंता की है। कोरोना संकट रूस और यूक्रेन के लम्बे युद्ध के बाबजूद भारत उन देशों में शामिल है जिनकी रफतार बहुत तेज है। देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प मोदी ने लिया है, तथा अगले 3 वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। केन्द्र सरकार ने युवा पीढ़ी को संकल्प से सिद्धी तक ले जाने का सामर्थ दिया है, और देश को घोटालो रहित सरकार दी। जन औषधि केन्द्रों से सस्ती दवाईयां मिल रहीं है। 50 करोड़ परिवारों को आयुष्मान कार्ड वितरित किये जा चुके है। भाजपा सरकार ने गरीब की सेवा का भाव रखते हुये तुष्टिकरण की राजनीति नहीं बल्कि संतुष्टीकरण का कार्य किया है। हमारी सरकार ने गरीबों की जेब का पैसा सुरक्षित किया है।

सत्र के दौरान

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार विधेयक 2023 दिल्ली में भ्रष्टाचार मुक्त शासन सुनिश्चित करेगा । डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक 2023 जिसके तहत देश में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित करने का प्रावधान किया गया है।

मध्यस्थता विधेयक, 2023

विधेयक विवादों के लागत प्रभावी निपटान के लिए सामुदायिक, संस्थागत और ऑनलाइन मध्यस्थता को मान्यता देता है और प्रोत्साहित करता है। जिसके परिणामस्वरूप, यह सुनिश्चित होता है कि नागरिकों को सरलता के साथ बेहतर एवं त्वरित न्याय मिले।

अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक, 2023

विधेयक का उद्देश्य एक आत्मनिर्भर पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है जो निजी क्षेत्र के वित्तीय संसाधनों का दोहन करते हुए देश के भीतर वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देता है। सरकार भारत में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र के बड़े योगदान के साथ ₹50,000 करोड़ का फंड भी स्थापित करेगी, जिससे हमारे युवाओं को अनुसंधान के लिए भारत में ही एक पारिस्थितिकी तंत्र मिलेगा।

तटीय जलकृषि प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 तटीय जलकृषि प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 ‘तटीय एक्वाकल्चर प्राधिकरण अधिनियम, 2005’ में संशोधन करता है। इसका उद्देश्य प्रक्रियाओं को सरल बनाना, जलीय कृषि गतिविधियों के पंजीकरण करने में तेजी लाना, अनुपालन और नियामक बोझ को कम करना है।

राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक, 2023 राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक, 2023 (एन.एन.एम.सी. विधेयक) भारत में नर्सिंग और मिडवाइफरी शिक्षा और अभ्यास को विनियमित और मानकीकृत करने के लिए एक राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग स्थापित करेगा। इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय मानक वर्गीकरण द्वारा निर्धारित नर्सिंग मानकों का पालन सुनिश्चित करके स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि करना है। यह विधेयक सुनिश्चित करेगा कि स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने, रोगियों की निगरानी करने, गर्भवती महिलाओं के प्रसव, नवजात शिशु की देखभाल, और उपचार करने में जनता को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं प्राप्त हो ।

विपक्ष के घमंडिया गठबंधन द्वारा व्यवधान

विपक्ष के घमंडिया गठबंधन द्वारा विरोध प्रदर्शन संसद के मॉनसून सत्र में मणिपुर की स्थिति पर विपक्ष के घमंडिया गठबंधन द्वारा लगातार व्यवधान डाला गया, जिसमें नारेबाजी, वेल में आना, वॉकआउट और महत्वपूर्ण कानून पर बहस में भाग न लेना शामिल था। विपक्ष के घमंडिया गठबंधन ने लगातार हंगामा कर दोनों सदनों के कामकाज को बाधित करने तथा देश की जनता को दिशाभ्रमित करने की कोशिश की, जिसके कारण सत्र के दौरान सदनों को कई बार स्थगित करना पड़ा।

राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील विषय को ताक पर रखते हुए, मणिपुर की स्थिति पर राजनीतिक लाभ उठाने के लिए विपक्ष के घमंडिया गठबंधन के प्रयास की देशभर में भर्त्सना की जा रही है। 24 और 25 जुलाई, 2023 को विपक्ष के घमंडिया गठबंधनी गठबंधन ने विधायी कार्यक्रम को रोककर इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव के लिए कई नोटिस प्रस्तुत किए। संजय सिंह (आम आदमी पार्टी (AAP), राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली) को व्यवधान पैदा करने और सभापति के निर्देशों का बार-बार उल्लंघन करने के लिए शेष सत्र के लिए निलंबित किए जाने के बाद विपक्ष के घमंडिया गठबंधन ने रात में भी राज्यसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

व्यवधानों के कारण निलंबन

संसद का मॉनसून सत्र अनियंत्रित आचरण, अध्यक्ष के निर्देशों का पालन करने में विफलता आदि के कारण विपक्ष के घमंडिया गठबंधन के सांसदों के निलंबन के कई मामलों से भरा रहा।

संसद में तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करना

मॉनसून सत्र के दौरान विपक्ष के घमंडिया गठबंधन द्वारा की गई रुकावटें केवल व्यवधानों तक ही सीमित नहीं थीं, बल्कि अधिक गंभीर विषयों तक फैली हुई थीं, जैसे कि सांसदों की सहमति के बिना, चयन समिति के प्रस्तावों में उनके नाम शामिल करना। ऐसा ही एक उदाहरण तब सामने आया जब राघव चड्डा (आम आदमी पार्टी (AAP), पंजाब) ने जी. एन. सी. टी. डी. विधेयक, 2023 को विचार के लिए चयन समिति के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए राज्यसभा के समक्ष एक प्रस्ताव रखा। विषय तब तब गंभीर हो गया जब कम से कम पांच सांसदों ने सदन के सभापति के सामने कहा कि उन्होंने कभी भी अपने नामों को चयन समिति प्रस्ताव में शामिल करने पर सहमति नहीं दी थी। कुछ सांसदों ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में सभापति को शिकायतें दी हैं, और अन्य ने कहा कि वे इस घटना पर राघव चड्डा को विशेषाधिकार हनन नोटिस भेजेंगे। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान व्यवधान एवं वॉक-आउट विपक्ष के घमंडिया गठबंधन द्वारा पूरे मॉनसून सत्र में बाधा डालने और इस बात पर जोर देने के बावजूद कि मणिपुर मुद्दे पर बहस होनी चाहिए, जब वास्तव में इस मामले पर चर्चा करने और उस पर मोदी सरकार के बयानों को सुनने की बात आई, तो विपक्ष के घमंडिया गठबंधन ने वाक आउट कर दिया, जिससे यह इंगित होता है कि उनका पूरा एजेंडा केवल इस मुद्दे पर दिखावा करना था और वास्तव में इसे संबोधित करना नहीं था। विपक्ष के घमंडिया गठबंधन ने मणिपुर हिंसा मुद्दे पर चर्चा शुरू करने के लिए सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाया था। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान मोदी सरकार के विभिन्न नेताओं ने सदन को संबोधित किया जिनमें अमित शाह (भाजपा, गांधीनगर, गुजरात) एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (भाजपा, वाराणसी, उत्तर प्रदेश) ने भी भाग लिया, और मणिपुर में हिंसा को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से देश को अवगत कराया। यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि अमित शाह के भाषण के दौरान, अधीर रंजन चौधरी (कांग्रेस, बहरामपुर, पश्चिम बंगाल) ने लगातार सदन को बाधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के दौरान पूरे विपक्ष के घमंडिया गठबंधन ने मणिपुर मुद्दे पर उनके बयान सुनने के बजाय वॉकआउट कर दिया।

नरेंद्र मोदी जी द्वारा सदन में दिए गए भाषण के प्रमुख बिंदु

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की जनता ने हमारी सरकार के प्रति बार-बार विश्वास जताया है। मैं आज देश के कोटि कोटि नागरिकों का आभार व्यक्त करने के लिए उपस्थित हुआ हूँ । उन्होंने कहा कि ये लोग वर्ष 2018 में भी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे, उस समय भी हमने कहा था, यह हमारा फ्लोर टेस्ट नहीं बल्कि विपक्ष का फ्लोर टेस्ट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपको गरीबों की भूख की चिंता नहीं है, आपको सत्ता की भूख है। आपको देश के युवाओं का भविष्य नहीं बल्कि अपने भविष्य की चिंता है। हमारे देश की युवा पीढ़ी का सामर्थ आज विश्व ने माना हुआ है। हमे उनके सामर्थ पर भरोसा करना चाहिए। हमारी युवा पीढ़ी अपने संकल्प को सिद्धि तक ले जाने का सामर्थ्य रखती है। हमने युवाओं को घोटाले रहित सरकार दी है। विपक्ष के घमंडिया गठबंधन के सीक्रेट वरदान के बारे में बताते जुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कहा कि “जिसका ये बुरा चाहेंगे उसका भला ही होगा”। प्रधानमंत्री मोदी ने देश में अर्थव्यवस्था के विकास के बारे में विपक्ष को घेरते हुए कहा कि हमारी अगली सरकार में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। यह रिफार्म, ट्रांसफॉर्म और परफॉर्म करके हम तीसरे नंबर पर पहुंच जायेंगे। देश का विश्वास है, 2028 में विपक्ष के घमंडिया गठबंधन जब अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगा तब देश पहले तीन में होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि विपक्ष ने I.N.D.I.A के टुकड़े कर दिए। यू.पी.ए. (UPA) को यह लगता है कि देश का नाम इस्तेमाल कर के अपनी ओर विश्वास को बढ़ाया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं कांग्रेस की मुसीबत समझता हूँ, वह वर्षों से एक ही फेल प्रोडक्ट को बार-बार लॉन्च करते हैं। प्रधानमंत्री ने मणिपुर की जनता को आश्वासन दिया कि वह कसम खाते है कि मणिपुर के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए कार्य कर रहे है, और वहां शांति का सूरज जरूर निकलेगा । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को इतिहास का वो हिस्सा याद दिलाया जिसमें देश की ही वायुसेना से 5 मार्च 1966 में मिजोरम पर हमला करवाया गया था। कांग्रेस ने इस सत्य को देश से छुपाया है। पूर्वोत्तर के लोगों के विश्वास की इन्होंने हत्या की है।

अमित शाह द्वारा सदन में दिए गए भाषण के प्रमुख बिंदु

अमित शाह (केंद्रीय मंत्री, गृह मंत्रालय; भाजपा, गांधीनगर, गुजरात) ने मणिपुर त्रासदी को लेकर विपक्ष की ओर से की जा रही राजनीति को शर्मनाक बताया। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि ‘होता है’ रवैया एन.डी.ए. (NDA) के बजाय यू.पी.ए. (UPA) सरकार की अधिक विशेषता रही है। उन्होंने बताया कि मणिपुर में पिछले छह वर्षों से स्थिरता का अनुभव हो रहा है, नगण्य घुसपैठ और कोई कर्फ्यू या नाकाबंदी नहीं है। उन्होंने 29 अप्रैल से पहले मैतेई समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के उच्च न्यायालय के फैसले की आलोचना की, जिसके कारण दंगे हुए। उन्होंने मणिपुर में जातीय संघर्षों में योगदान देने वाले कारणों के बारे में खास जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 3 मई से पहले तक पिछले 6 वर्षों में कोई कर्फ्यू नहीं लगाया गया था। उन्होंने एक विशेष जांच दल (SIT) की स्थापना और मणिपुर के लिए 30,000 मीट्रिक टन राशन के आवंटन के बारे में बताया। गृह मंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में सदन को बताया कि मणिपुर की हिंसा में हमारा कोई आदमी शामिल नहीं है। मैं यहाँ सदन में नाम नहीं लेना चाहता हूँ अगर आप सुनना चाहते हैं तो मैं बता सकता हूँ, गृह मंत्रालय के रिकॉर्ड में सभी का नाम हैं । माननीय गृहमंत्री ने कहा कि 1 पैसे के कमीशन के बगैर ₹ 25 लाख करोड़ देश के गरीबों के बैंक खाते में सीधा पहुँचाया गया है। उन्होंने अंत में चीनी एजेंसियों द्वारा न्यूजक्लिक (Newsclick ) की फंडिंग पर चर्चा करते हुए उन लोगों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया जो भाजपा पर सवाल उठाते हैं।

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