मध्य प्रदेशरीवालोकसभा चुनाव 2024

Madhya Pradesh : 11 माह पूर्व Rewa में पत्‍नी को चुनाव लडवाने के लिये निलंबित हुये शिक्षक की अब नही हो रही बहाली

रीवा। जनता द्वारा विकास के लिये दिये जाने वाले टैक्स का अधि‍कारी कैसे दुरुपयोग करते हैं इसका उदाहरण रीवा में देखने को मिलेगा। जिला पंचायत चुनाव के पूर्व निलंबित किए गए शिक्षक का बहाली करना ही शिक्षा विभाग भूल चुका है ऐसा लगता है कि शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की सूची शिक्षक का नाम ही गायब हो चुका है।
यह पूरा मामला रीवा विकासखंड अंतर्गत CHUA PARIHARIN TOLA REWA संकुल केंद्र के BILBILIHA स्कूल में पदस्थ सहायक शिक्षक सुरेश दुवेदी को 11 माह पूर्व निलंबित किया गया था। निलंबित का कारण संजय गांधी अस्पताल परिसर के पास सार्वजनिक स्थान पर दारू की बोतल लिये हुए अमहि‍या पुलिस ने पकडा था जिसके बाद शिक्षक को निलंबित कर दिया गया था। सूत्रों के अनुसार निलंबित होने के लिये शिक्षक ने जानबूझकर यह पूरा षड्यंत्र रचा क्योंकि शिक्षक अपनी पत्नी को जिला पंचायत का चुनाव लड़ावाना था इसलिए यह एक ड्रामा कर सार्वजनिक स्थान पर दारू की बोतल लिए हुए पुलिस से पकड़वा लिया। पुलिस को सूचना देने वाले भी शिक्षक के ही लोग थे ऐसा कहा जा रहा है। इसके बाद शिक्षक को विभाग ने निलंबित कर दिया। निलंबन उपरांत शिक्षक पूरी तरह से स्वतंत्र होकर जिला पंचायत के चुनाव में अपनी पत्नी के पक्ष में प्रचार-प्रसार करते रहे शिक्षा विभाग खामोश बैठ कर घर बैठे वेतन देता रहा। जिला पंचायत चुनाव के पूर्व निलंबित किए गए शिक्षक की बहाली अब तक क्यों नहीं हो पा रही है इस पर भी बड़ी ही दिलचस्प कहानी हैं। शिक्षक ने राजनीतिक दबाव तो बना ही रखा है साथी अपने रिश्तेदार के नाम पर शहर में बाजार बैठती और प्रवेश करके ठेका भी लेते हैं और इस ठेके को चलाने के लिए स्वतंत्र रूप से खाली रहे और कार्य को देख सकें इसलिए बहाली ही नहीं चाह रहा और शिक्षा विभाग बहाल भी नहीं कर रहा।

नगर निगम महापौर व अध्यक्ष को बताते हैं अपना रिश्तेदार !
रीवा विकासखंड अंतर्गत CHUA PARIHARIN TOLA REWA संकुल केंद्र के BILBILIHA स्कूल में पदस्थ निलंबित शिक्षक सुरेश द्विवेदी अपने आप को रीवा नगर निगम के महापौर अजय मिश्रा बाबा व अध्यक्ष वेंकटेश पांडे को अपना रिश्तेदार बताते हैं। जिसके चलते बिना टेंडर के रीवा शहर में बाजार बैठकी और प्रवेश कर का ठेका कुछ माह के लिये बढवा लिया हैं। महापौर व अध्यक्ष के रिश्तेदारी का लाभ लेते हुए शिक्षक ने रिश्तेदार के नाम पर पुनः वसूली करने का बोनस अधिकार ले लिया हैं। बहरहाल इस पूरे मामले में कितनी सच्चाई है यह तो जांच का विषय है लेकिन यह तो विदित है कि इस समय शहर में अवैध रूप से वसूली जारी है और प्रतिदिन 10 से 12 लाख रुपए की वसूली हो रही है जिसमें कहीं ना कहीं शहर सरकार का भी रोल है।

जो शिक्षक बच्चों को पढ़ने लायक ना हो उन्हें बर्खास्त करना चाहिये?
जिन शिक्षकों का अध्यापन कार्य में रुचि ना उन्हें सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए, क्योंकि इस तरह के शिक्षक समाज के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं क्योंकि ये बच्चों को ज्ञान तो दे ही नहीं सकते अज्ञानता की ओर जरूर ले जा सकते, जिसके कारण बच्चों का भविष्य तो खराब ही होगा और वह अपराध की ओर बढ़ सकते हैं, जब बच्चों को पता चलता होगा कि उन्हें ज्ञान की बातें बताने वाले शिक्षक कहीं दारू की बोतल लिए हुए पकड़े गए हैं तो उनके मन में शिक्षक के प्रति कैसे विचार आते होंगे। शिक्षा विभाग में ऐसे ऐसे कर्मचारियों को रखने से क्या लाभ जो अपने दायित्वों का निर्वहन न करे बल्कि दूसरे कामों में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। एक शिक्षक का काम है कि बच्चों को बेहतर शिक्षा देना, लेकिन यहां तो बेहतर शिक्षा देना तो दूर की बात है।

पत्नी के प्रचार करने के लिए निलंबित हुआ शिक्षक पत्नी को चुनाव ही नहीं जीता सकें
जिला पंचायत के वार्ड क्रमांक 7 से शिक्षक ने अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतारा था जिसके लिए यह पूरा संयंत्र रचा गया और निलंबित हुए, लेकिन अपनी पत्नी को चुनाव नहीं जीता है पूरे चुनाव के दौरान प्रचार प्रसार करते रहे और शिक्षा विभाग खामोश तौर पर देखता रहा

Related Articles

Back to top button