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Geeta Jayanti: गीता ही सभी वेद शास्त्रों का सार है और गीता में जीवन जीने का मंत्र

रीवा. ब्रह्माकुमारी आश्रम में गीता पर विशेष ज्ञान बोध कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि सांसद जर्नादन मिश्रा रहे। सांसद ने कहा कि गीता ही सभी वेद शास्त्रों का सार है और गीता में जीवन जीने का मंत्र है। उन्होंने ब्रह्माकुमारी आश्रम के सामाजिक कार्यों की सराहना की। इस मौके पर पचमठा आश्रम के महंत ब्रम्हचारी विजयशंकर महाराज ने कहा कि गीता ज्ञान सुनने और सुनाने वाले तो बहुत हैं लेकिन गीता ज्ञान को अपने जीवन में साक्षात रूप धारण करने वाली यह ब्रह्माकुमारी बहने ही हैं। गीता कोई धर्म शास्त्र नहीं है यह सभी मानव जाति के उत्थान के लिए है। वहीं अध्यक्षता कर रहीं निर्मला दीदी ने बताया कि मात्र गीता ही एक ऐसा धर्म ग्रंथ है जिसमें भगवानोवाच है। भगवान एक हैं जो सभी आत्माओं के परमपिता हैं। अशरीरी हैं जन्म मरण से न्यारे हैं। देवता श्रीकृष्ण तो सतयुग के पहले प्रिंस हैं। परमपिता परमात्मा ज्योति बिंदु स्वरूप शिवबाबा ही गीता ज्ञान दाता है। तत्पश्चात आपने उपस्थित सभी जन समुदाय को राजयोग मेडिटेशन की गहन अनुभूति कराई। कार्यक्रम में हाजी एके खान, प्रकाश भाई, बीके बिंदु बहन, विकास श्रीवास्तव, अंशुमान शुक्ला, राजेश शर्मा, संतोष निगम, रण बहादुर सिंह, वीरभद्र सिंह, अनिल शुक्ला, लोकनाथ द्विवेदी आदि मौजूद रहे।

गीता में सभी समस्याओं का समाधान
संस्कृत भारती रीवा द्वारा ग्राम लोही में गीता जयंती मनाई गई। जिस में मुख्य रूप से संस्कृत भारती के प्रांत मंत्री डॉ. कीर्ति कुमार त्रिपाठी, रामायण प्रसाद तिवारी, डॉ. सत्यजीत पांडे, प्रो. रामाधार प्रसाद द्विवेदी, जेएल त्रिपाठी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सामूहिक गीता पाठ एवं गीता पुस्तक का विधिवत पूजन किया गया। इस दौरान डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि गीता में सभी समस्याओं का समाधान निहित है। गीता साक्षात ईश्वरीय वरदान है जो मानवीय मूल्यों का महत्व एवं जीवन जीने की कला सिखाती है। लेकिन गीता एक धार्मिक ग्रंथ व पूजा मंदिर में रह गई है, हमें गीता का अध्ययन करना चाहिए। अस अवसर पर उपेंद्र प्रसाद, नीलेश शुक्ल, अनिल तिवारी, पुजारी बालकदास, दिवाकर पांडे, सुधाकर पांडे सहित ग्रामीण मौजूद रहे।

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