रीवा। महानगर की शक्ल अख्तियार करने को आतुर रीवा शहर में अब उसके मुताबिक कार्य प्रारंभ होने के कारण लोगों को भी इस बात की उम्मीद हो चली है कि इसी तरह रीवा शहर का विकास होता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब रीवा भी महानगरों की श्रेणी में शुमार होगा। इसके लिए नगर निगम प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे है।
पिछले एक साल के कार्यों पर नजर डाली जाय तो पता चलता है कि शहर के कुछ वार्डों को छोड दिया जाय तो साल भर के भीतर लगभग 94 करोड़ रुपये के टेंडर वार्डों में नाली सड़क और साथ- साथ कई तरह के निर्माण एवं विकास के कार्य किये जा रहे हैं। इसके अलावा पिछले साल हुए टेंडर के कार्य अलग हैं। शहर में चार से पांच वार्ड ऐसे भी जहां एक या दो कार्य के लिए टेंडर हुए हैं।
वर्तमान में नगर सरकार में कांग्रेस का कब्जा है और महापौर के रूप अजय मिश्रा “:बाबा” के पास नगर विकास की जिम्मेदारी है। श्री मिश्र जनता द्वारा सौंपे गये इस दायित्व का निर्वहन करने का प्रयास भी करते दिख रहे हैं।
प्रदेश लगातार दो दशक से अधिक समय से भाजपा का शासन है और रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ल वर्तमान में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं। उन्हें इस पूरे अंचल में विकास पुरूष का रुतवा भी हासिल है। उन्होंने रीवा के विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। नगर निगम में बदली हुई परिस्थितियों के बाद भी विकास के कार्यों के प्रति दोनों नेता अपने दायित्वों से कतई पीछे नहीं हट रहे हैं। विकास कार्यों के कोई भी प्रस्ताव हो नगर निगम के परिषद एवं एमआईसी में प्रस्ताव पारित करके विकास में सहयोग किया जा रहा है। सही मायने में शहर के समग्र विकास में अमृत-1.0 एवं अमृत-2.0 योजना मील का पत्थर साबित होगी।
हालाकि इस योजना को पूरा करना किसी चुनौती से कम नहीं है। लेकिन जब भी अमृत-1.0 एवं अमृत-2.0 योजना अपने अंजाम तक पहुंचेगी शहर महानगर बन चुका होगा। वर्तमान में साल भर के भीतर 495 करोड़ के टेंडर किये गये है और इनके कार्य भी प्रारंभ है। इन कार्यों में शहर की आवश्यकता के अनुसार सुंदरता से लेकर आधुनिकता के दौर से अन्य शहरों से मुकाबला करने के लिए के लिए भी कार्य कराये जा रहे हैं।
01 अगस्त 2022 से 01 अक्टूबर 2023 तक हुई निविदायें