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Rewa News: रेमकी कंपनी का बड़ा फर्जीवाड़ा आया सामने; क्रास चेकिंग में कचरा वाहनों के वजन में निकला 117 टन का अंतर, आयुक्त ने जारी किया नोटिस

रीवा: नगर निगम में कचरा कलेक्शन का काम कर रही रीवा एमएस डब्ल्यू मैनेजमेंट सॉल्यूशन लिमिटेड कंपनी (रेमकी) का बड़ा घोटाला सामने आया है। निगम अधिकारियों की सह पर ही कंपनी द्वारा बड़ा बंदरबांट सरकारी राशि में किया जा रहा था। क्षमता से अधिक वजन की नाप कराकर राशि का गबन किया जा रहा था। आयुक्त संस्कृति जैन के निर्देश पर जब जांच की गई तो कंपनी की पोल खुलकर सामने आ गई।

  • अधिकारियों की सह में पिछले कई वर्षों से चल रहा खेल, अब पकड़ा गया फर्जीवाड़ा

दरअसल रेमकी द्वारा जो कचरा शहर से उठाव कर पहाड़िया प्लांट तक ले जाया जाता है, उसमें बड़ा अंतर नगर निगम को मिला है। बताया गया कि कार्यपालन यंत्री एचके त्रिपाठी को स्वच्छ भारत मिशन के नोडल की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनके द्वारा रेमकी कंपनी द्वारा किए जा रहे कचरा उठाव को लेकर गड़बड़ी समक्ष में आई तो उनके द्वारा खुद स्वयं वाहनों की नाप खुद कंपनी के प्रतिनिधियों के सामने कराई गई। जिसमें बड़ा अंतर देखने को मिला। जिसकी जानकारी आयुक्त संस्कृति जैन को दी गई तो आयुक्त ने कंपनी के
प्रबंधन को नोटिस जारी किया है।

117 टन से अधिक का अंतर बता दें जारी नोटिस में आयुक्त संस्कृति जैन ने कहा है कि एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना क्लस्टर रीवा के तहत नगर निगम रीवा क्षेत्र अंर्तगत डोर टू-डोर कचरे का कलेक्शन/परिवहन कर पहाड़िया स्थित कंपोष्ट, वेस्ट टू एनर्जी प्लांट तक ले जाने वाले वाहनों का वजन पहाड़िया स्थित वेज ब्रिज में कराने के उपरांत इंडिपेंडेंट इंजीनियर के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मार्च 2024 के वेज ब्रिज की पर्चियों के वजन में अंतर पाया गया है। इतना ही नहीं वजन की पर्चियों में आईई के हस्ताक्षर भी नहीं है। जो उचित नहीं है और गबन की श्रेणी में आता है। बताया गया कि नगर निगम को कुल 250 टन की जानकारी दी गई थी व इसी के अनुसार देयक प्रस्तुत किया गया था लेकिन जब जांच की गई तो असल वजन 132 टन के लगभग निकला।
जिससे 117 टन का अंतर मिला। जिसके बाद आयुक्त संस्कृति जैन ने कंपनी के प्रबंधन को पत्र लिख स्पष्टीकरण मांगा है।

देयक में मिला अंतर
वहीं आयुक्त संस्कृति जैन ने प्रबंधन को दिए गए पत्र में लिखा कि अधिकारियों द्वारा कचरा वाहनों का स्वयं वजन कराया गया तो उसमें भी बड़ा अंतर मिला है। आटो टिपर वाहन में प्रति ट्रिप औसतन 400 किग्रा कचरा आता है लेकिन 8 मई 2024 और 12 मई 2024 तक आईई के द्वारा वाहनों की गणना के आधार पर 161 ट्रिप प्रतिदिन के मान से टिपिंग देयक आंकलन करने पर पाया गया कि कंपनी द्वारा प्रस्तुत देयक में काफी ज्यादा अंतर है। यानि कंपनी ने जितना कचरा उठाया और उनके हिसाब से जो बिल दिया वह काफी ज्यादा है। इस संबंध में भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।

मनमानी पर नहीं लगा सके रोक
बता दें कि फरवरी 2017 से नगर निगम में रेमकी कंपनी ने काम शुरु किया है। शुरुआत से ही कंपनी की लड़खड़ाई व्यवस्था से ठीक से काम नहीं हुआ, जिम्मेदार अधिकारी इस पर सुधार तो कर नहीं सके उल्टा कंपनी को उपकृत करते रहे। बीच में जिम्मेदारी जब कार्यपालन यंत्री एचके त्रिपाठी को मिली तो उनके द्वारा इन बिंदुओ पर जांच की गई। जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा मिला। जिसके बाद आयुक्त संस्कृति जैन ने नोटिस जारी किया गया है। इस नोटिस के बाद से निगम कार्यालय व कंपनी के कर्मचारियों में हड़कंप है। बताया जा रहा है कि पहली दफा कंपनी के इस प्रकार के फर्जीवाड़े को पकड़ा गया और अब बड़ी कार्यवाही की तैयारी भी निगम प्रशासन कर रहा है।

6 कंपनी के कचरा वाहनों की नाप व उनके द्वारा दिए गए देयक के वजन में बड़ा अंतर मिला है। आईई के हस्ताक्षर भी पर्चियों में नहीं मिले हैं। वजन कराने में यह मामला सामने आया है। आयुक्त द्वारा नोटिस जारी किया गया है।
एचके त्रिपाठी, नोडल अधिकारी स्वच्छ भारत मिशन 2024

Surendra Tiwari

I am Surendra Tiwari, Editor of the Vindhya Bhaskar. I am writing on Automobile and Tech Content from Last 5 years.

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