रीवा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास योजनाओं के लाखों-करोड़ डकार चुके पंचायतराज के कर्णधारों के हलक से शासकीय धन निकालने का प्रयास कर रहे सीईओ जिला पंचायत को अपेक्षित सफलता नहीं मिल पा रही है। संबंधितों को लगातार दी जा रही चेतावनी का भी कोई खास असर उन पर दिखाई नहीं दे रहा है।
सीईओ जिला पंचायत की अदालत में सैकड़ों प्रकरण लंबित हैं। एक मामला जनपद गंगेव की ग्राम पंचायत पिपरहा का भी है जिसमें तत्कालीन सरपंच, सचिव तथा उपयंत्री के खिलाफ सालों से साढ़े 7 लाख से अधिक राशि की वसूली प्रस्तावित है। अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उपसंभाग त्योंथर द्वारा की गई सांकालिक जांच में पाया गया था कि पंचायत भवन पिपरहा के निर्माण में 751807 रुपये की राशि का दुरूपयोग हुआ हैं।
तत्कालीन सरपंच समयलाल साकेत पर 250603, तत्कालीन सचिव भैयालाल पाण्डेय पर 250602 एवं तत्कालीन उपयंत्री डोमनिक कुजूर पर 250602 रुपये की वसूली प्रस्तावित की गई थी।
विहित प्राधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा ने संबंधितों को अपने-अपने हिस्से की राशि जरिये डीडी जमा कराने के निर्देश दिये थे। जिला सीईओ ने ताकीद किया था कि अन्यथा की स्थिति में म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत सिविल जेल व भू राजस्व के बकाया की भांति वसूली की कार्यवाही करते हुये आपराधिक प्रकरण दर्ज किये जाने की कार्यवाही की जावेगी। बड़ा सवाल यह है कि पंचायत राज के भ्रष्टाचारी आखिरकार धारा 89 एवं धारा 92 की कार्यवाही से डरते क्यों नहीं हैं? जिला सीईओ स्तर से नोटिस पर-नोटिस जारी होती है उसके बावजूद भी प्रस्तावित वसूली की राशि नहीं जमा की जा रही है।
सीएम को भेजी गई शिकायत
जनपद गंगेव की ग्राम पंचायत पिपरहा में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर प्रसून मिश्रा निवसी ग्राम पिपरहा द्वारा हाल ही में मुख्यमंत्री की ओर आवेदन प्रेषित कर उनका ध्यानाकर्षण कराया गया है। पिपरहा पंचायत में ग्रामीण विकास के नाम पर अनियमितताओं का कत्थक किया जाता रहा है। नतीजतन आज भी आधे-अधूरे निर्माण मुंह चिढ़ा रहे हैं। शिकायतकर्ता को अब प्रदेश के मुखिया के एक्शन का इंतजार है। कारण कि भाजपा सरकार भ्रष्टाचार मामले में जीरो टॉलरेंस की पक्षधर है।
स्थल निरीक्षण का निर्देश
खबर है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा ने ग्राम पंचायत पिपरहा के तत्कालीन सरपंच, सचिव, उपयंत्री को सुनवाई तिथि 5 मार्च 24 को समक्ष उपस्थित होकर प्रस्तावित वसूली की राशि डीडी के माध्यम से जमा करने का हुक्मनामा जरूर जारी किया था किन्तु उसका पालन नहीं हुआ है। अब उसी मामले में पृथक से अन्य निर्माण के तारतम्य में स्थल निरीक्षण का आदेश किया गया है। जिसे एक शिगूफा ही माना जा रहा है। लगभग दो वर्ष से रिकव्हरी का मामला अटका हुआ है।
यद्यपि शिकायतकर्ता की ओर से ही पुनः जांच का आवेदन प्रस्तुत किये जाने पर स्थल निरीक्षण के निर्देश जिला सीईओ ने दिए हैं। शिकायतकर्ता प्रसून मिश्रा द्वारा बीते 5 मार्च को विहित प्राधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर एसडीओ आरईएस त्योंथर के जांच प्रतिवेदन का हवाला देते हुए एक आवेदन प्रस्तुत करते हुए लेख किया गया कि ग्राम पंचायत भवन पिपरहा के निर्माण के अलावा आंगनबाड़ी भवन अतरैला, आंगनबाड़ी भवन सिगई टोला, आंगनबाड़ी भवन बरा आदि की पुनः जांच कराई जाय।
चूंकि पूर्व में केवल ग्राम पंचायत भवन निर्माण मामले में वसूली अधिरोपित की गई थी। जिला सीईओ द्वारा प्रभारी सीईओ जनपद गंगेव एवं प्रभारी सहायक यंत्री जनपद गंगेव को स्थल निरीक्षण कर अद्यतन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गये हैं। उक्ताशय के निर्देश 11 मार्च 24 को एक सप्ताह की मोहलत के साथ दिए गये थे।