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IAS Simran Bala: सिमरन बाला जम्मू कश्मीर की पहली UPSC पास करने वाली महिला

नई दिल्ली। यूपीएससी की परिक्षा देश की सबसे कठिन और महत्वपुर्ण परीक्षा होती है इसको पास करने के बाद अभ्युर्थी आईएएस-आईपीएस के साथ कई अन्य पदो के लिए चयनित किए जाते है लेकिन ये परीक्षा हर किसी के सपनो पर खरी नही उतरती है आज देश में कई प्रकार के शंस्थान है जो इसके लिए कठोर तैयारी करवाती है। वही संघ लोक सेवा आयोग ने 2 जून को सीएपीएफ फाइनल रिजल्ट 2021 की घोषणा की। कुल 151 उम्मीदवारों ने परीक्षा पास की है।

सीएपीएफ पास करने वाली पहली लड़की

जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती शहर नौशेरा की रहने वाली सिमरन बाला इस साल संघ लोक सेवा आयोग UPSC की केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल CAPF की परीक्षा पास करने वाली केंद्र शासित प्रदेश की पहली लड़की बन गई हैं। उन्होंने इस वर्ष यूपीएससी सीएपीएफ के लिए अर्हता प्राप्त करने वाले 151 उम्मीदवारों में से 82 की अखिल भारतीय रैंक हासिल की है।

सिमरन बाला ने कहा

मीडिया से बातचीत कर कहा कि मैं इस साल इस परीक्षा को क्रैक करने वाली जम्मू-कश्मीर की एकमात्र लड़की हूं। मैं बहुत गर्व और आभारी महसूस कर रही हूं। जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्र से होने के नाते, मैंने अपने क्षेत्र में सीमा पार से गोलीबारी देखी है, इसने मुझे प्रेरित किया है।” सीएपीएफ मे शामिल हों ताकि मैं सीमा क्षेत्र में भी सेवा दे सकूं।

तैयारी करने वाले के लिए संदेश

सिमरन बाला ने तैयारी कर रहैं उम्मीदवारों के लिए संदेश दिया कि “यदि आपके पास यह है, तो आप इसे क्रैक करने में सक्षम होंगे। आपको कड़ी मेहनत, एक ईमानदार दृष्टिकोण और अच्छे स्वास्थ्य की आवश्यकता है।

अपनी पढ़ाई को लेकर कहा

सिमरन बाला ने अपनी पढ़ाई के बारे बात करते हुए कहा कि मैंने यहां 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की, जिसके बाद मैं अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा के लिए जम्मू गया। फिर मैंने गांधीनगर से स्नातक की पढ़ाई पूरी की साथ ही कहा कि मैं अपने अंतिम सेमेस्टर में था जब मैंने इस परीक्षा की तैयारी शुरू की और पास किया।

पड़ोसियों को मेरी सफलता पर गर्व

उन्होंने कहा कि, “मेरा सपना पूरा हो गया है। मुझे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में सहायक कमांडेंट के रूप में नियुक्त किया गया है। मैं पूरे जोश के साथ अपना कर्तव्य निभाऊंगी। मेरे परिवार और मेरे पड़ोसियों को मेरी सफलता पर गर्व है।

माता-पिता का मिला समर्थन

सिमरन बाला ने कहा “मेरे माता-पिता, शिक्षकों और कई लोगों ने मेरा समर्थन किया। कड़ी मेहनत, दृढ़ता और निरंतरता ने इस परीक्षा के प्रति मेरे दृष्टिकोण में मेरी मदद की। साथ ही उन्होने कहा कि यह एक अखिल भारतीय स्तर की परीक्षा है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप सीमावर्ती क्षेत्र से हैं या किसी महानगर से हैं, आप इंटरनेट के युग की बदौलत परीक्षा में सफल हो पाएंगे।

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