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Bageshwar Dham Sarkar: जानिए बागेश्वर धाम का पूरा रहस्य, जानिए कैसे लगाई जाती है अर्जी

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम इन दिनों खूब चर्चा में है। कहते हैं कि बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र गर्ग लोगों के मन की बात जानकर उनकी समस्या का समाधान कर देते हैं। ऐसा दावा है कि रामकथा के साथ ही वे दिव्य दरबार लगाते हैं, जिसमें वे चमत्कारिक रूप से लोगों के दु:ख दूर करते हैं। तो आइए जानते हैं बागेश्वर धाम के बारे में 10 चमत्कारी बातें।

  • मध्य प्रदेश के जिले छतरपुर के पास गांव गढ़ा में बालाजी हनुमान का एक सिद्ध मंदिर है।
  • बलाजी मंदिर के सामने ही महादेव का भी मंदिर है।
  • गढ़ा स्थित बागेश्वर धाम में ही सिद्ध गुरु और उनके दादाजी महाराज की समाधी है।
  • पंडित धीरेन्द्र कृष्ण गर्ग अपने दादाजी भगवानदास गर्ग को ही अपना गुरु मानते थे।
  • उनके दादाजी एक सिद्ध संत थे। वह निर्मोही अखाड़े से जुड़े हुए थे। वे भी दरबार लगाते थे।
  • धीरेंद्रजी को हनुमान जी और उनके स्वर्गीय दादाजी की ऐसी कृपा हुई की उन्हें दिव्य अनुभूति का अहसास होने लगा और वे भी लोगों के दु:खों को दूर करने के लिए दादाजी की तरह ‘दिव्य दरबार’ लगाने लगे।।
  • धीरेंद्रजी ने दावा किया है कि उनके दादाजी ने हनुमान जी के 3 बार साक्षात दर्शन किए थे।
  • धीरेंद्र शास्त्री 9 साल की उम्र से ही बालाजी के चरणों में आ गए थे और तभी से इनकी सेवा करने लगे और फिर बालाजी की पर ऐसी कृपा हुई कि यह दूसरों के दुखों का हरण करने लगे।
  • बागेश्वर धाम पर मंगलवार के दिन अर्जी लगती है। यहां अर्जी लगाने के लिए लोग लाल कपड़े में एक नारियल बांधकर यहां एक स्थान पर चढ़ा देते हैं।
  • इसके बात जब बागेश्वर धाम लगता है तो उन लोगों को बुलाया जाता है जिनकी अर्जी लगी है, और फिर बाबा उनका मन पढ़ कर उनकी समस्या का हल बताते हैं।

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