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मोदी सरकार का बड़ा एक्शन नकली और खराब गुणवत्ता वाली दवाओं का निर्माण करने वाली 18 फार्म कंपनियों का लाइसेंस किया बैन

Poor quality medicine : केंद्र में शासित मोदी सरकार ने खराब और नकली गुणवत्ता दवा बनाने वाली फार्मा कंपनियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सरकार ने देश में 18 साल में कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए है। सरकार की ओर से की गई इस कार्रवाई में नकली दवाई बनाने के आरोप के बाद इस इस तरह का फैसला लिया गया है। हाल ही में भारतीय औषधि महानियंत्रक 20 राज्यों के 76 कंपनियों का निरीक्षण किया। जिसके पश्चात सरकार की ओर से लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की गई है।

सरकार में दवा कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। कुछ समय से विदेशों में जाने वाली भारतीय दवाओं को देखकर कई तरह की अनियमितता देखने को आई है। इसके साथ ही कई ऐसी घटनाएं देश में पहुंचेगी है जिसको देखकर फार्मा कंपनी घेरे में आई है। इसके बाद भारत सरकार ने गंभीरता से लेते हुए सख्त कदम उठाए हैं। ऑफिशियल सूत्रों के मुताबिक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया नेम 20 राज्यों में 76 से ज्यादा दवा कंपनियों का निरीक्षण दौरा किया इसके बाद उन्होंने फैसला लिया है। आधिकारिक सूत्रों के सहारे से मिली जानकारी के मुताबिक बताया गया कि देश में नकली दवाओं का निर्माण काफी शुरू से किया जा रहा है ऐसे में फार्म कंपनियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
कोई समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार देशभर में नकली दवाई बनाने वाले फार्मा कंपनी के विरुद्ध बड़े स्तर पर कठोर कार्रवाई कर रही है। इसी कदम को उठाते हुए केंद्र सरकार ने 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। इन कंपनियों को दवा निर्माण न करने के आदेश भी जारी किए जा चुके हैं। इसी के साथ ही 3 फार्म कंपनी है ऐसी भी हैं जिन्हें खास तरह की दवाइयां बनाने का निर्माण भी बंद किया जा चुका है।
बता दे कि भारतीय औषधि महानियंत्रक डीजीसीआई में भारत के 26 फार्मा कंपनियों को कारण बताओ नोटिस पर भेजा है। ऐसे भी बताया जा रहा है कि बीसीसीआई का यह अभियान लगभग 15 दिनों से चलाया जा रहा है।

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