राजधानी दिल्ली के कई क्षेत्र में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुका है। लोग अपना बोरिया बिस्तर लेकर सुरक्षित जगहों पर जा रहे हैं। वहीं सरकार ने लोगों से अपील की है कि वह बहुत जल्द ऐसी जगहों पर पहुंचे। जहां यमुना का जलस्तर कम हो। बता दें कि यमुना का जलस्तर बढ़ने की वजह से घर और दुकानों में पानी पूरी तरह घुस गया है। वही यमुना के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले हजारों लोगों ने सुरक्षित जगहों पर अपने आप को शिफ्ट कर लिया है।
यमुना का जलस्तर 212 मीटर तक पहुंच गया
देश की राजधानी दिल्ली के अंदर बाढ़ का खतरा बना हुआ है। बता दे कि राजधानी में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बीते दिन सुबह 5:00 बजे तक यमुना के पल्ला गांव के आसपास के इलाके में यमुना का जलस्तर 212 मीटर तक पहुंच गया है। वहीं दिल्ली रेलवे ब्रिज पर सुबह 6:00 बजे यमुना का जलस्तर 208 के पार पहुंच गया था।
1978 के पहले यमुना का जलस्तर 7 मीटर तक पहुंचा
वहीं बीते दिन बुधवार रात 11:00 बजे यमुना का जलस्तर 108 मीटर पर आ गया था। बता दे कि 1978 के पहले यमुना का जलस्तर 7 मीटर तक पहुंचा था। जिसके बाद लगभग 45 साल के बाद दिल्ली में एक बार फिर से भीड़ देखने को मिली है।
वहीं इस बार यमुना का जलस्तर ने एक कई बार का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। बता दे कि बाढ़ के खतरे को नजर में रखते हुए दिल्ली सरकार ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को खाली करने के आदेश दे दिए हैं। जिन इलाकों में ज्यादा खतरा बना हुआ है।
रेड जॉन में शामिल हुए ये इलाके
उनमें वोट ब्लड, मिनिस्ट्री मार्केट, पुराने रेलवे ब्रिज के पास नीली छतरी मंदिर जमुना बाजार गीता घाट नीम करोली गौशाला विश्वकर्मा और खड्डा कॉलोनी जैसे इलाके को बाढ़ के रेड जॉन में शामिल किया गया है।
रात 10:00 से 11:00 के बीच यमुना का जलस्तर तकरीबन 207 मीटर तक पहुंच चुका था, किंतु यह पहली बार खतरे के निशान को पार कर चुका है। अधिकारियों के अनुसार पिछले 2 दिन में दिल्ली में अधिक वर्षा नहीं हुए लेकिन अधिकांश पानी हिमाचल प्रदेश और हरियाणा से दिल्ली में छोड़ा गया है।
केंद्रीय जल आयोग के मॉनिटरी होटल के अनुसार बुधवार सुबह 6:00 बजे पुरानी रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर 207 मीटर के निशान को पार कर चुका है। जो कि 2013 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि जब रात के 3:00 बजे यमुना का जलस्तर 208 मीटर तक पहुंच गया था, ये भी अदभुत है।