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Rewa News: MP में टैक्स चोरी का बड़ा घोटाला, 13 करोड़ रुपए की हेराफेरी का मास्टर माइंड गिरफ्तार

विंध्य भास्कर डेस्क। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में जनपद पंचायत गंगेव अंतर्गत कर चोरी का बड़ा मामला सामने आया है। जांच के बाद इस हाई प्रोफाइल मामले में पुलिस ने मास्टर मांइड राजेश सोनी को गिरफ्तार कर लिया है। गुरुवार को सिविल लाइन पुलिस ने जिला के समीप जिला व्यापार व रोजगार केन्द्र कार्यालय के सामने घोटाले के आरोपी को पुलिस ने पड़का है। पुलिस की यह कार्रवाई देख हड़कंप मच गया।

बताया जा रहा है कि यह पूरा मामला लगभग 13 करोड़ रुपए का है। इसमें 30 से अधिक आरोपियों के नाम शामिल है। सिविल लाइन पुलिस इस मामले में आरोपी को हिरासत में लेकर पूछतांछ कर रही है। गंगेव जनपद पंचायत मे हुए इस घोटाले में आरोपी के विरुद्ध धारा 409,420, 120 बी,66 सी के तहत मामला जिले के मनगंवा थाने में दो साल पहले दर्ज हुआ था। इस मामले में पुलिस राजनैतिक व प्रशासनिक अधिकारियों के संरक्षण के कारण आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर रही थी। इस मामले में आरोपी की जमानत आवेदन हाई कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है। इसके एएसपी मऊगंज ने मामले को संज्ञान में लेने के बाद बाद पुलिस ने गुरुवार को मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

38 से अधिक पंचायतो में 13 करोड़ रुपए की हुई है हेराफेरी, 30 से ज्यादा आरोपियों के नाम आ रहें है सामने

5६ दिनों में निकाल डाली राशि
बताया जा रहा है कि दो साल पहले 26 अगस्त 2020 को मनगवां थाने में जनपद पंचायत के सहायक लेखाधिकारी वंसत पटेल ने इस फॅर्जीवाड़ें के खिलाफ कलेक्टर के आदेश पर एफआइआर मनगवां थाने में लिखाई थी। इसमें वर्ष 2019 में जनपद पंचायत को 38 पंचायतों के लिए कर रोपण की मिली राशि से ५6 दिनों में 714 लाख रुपए की राशि विभिन्न विभिन्न वेंडरों के खाते में डालकर आरोपी ने राशि आहरित कर ली। इसकी शिकायत में चार सदस्यीय टीम ने जांच उपरांत पाया कि 28 अगस्त 2019 से 14 अगस्त 2019 तक कुल 8 करोड़ 23 लाख 33 हजार रुपए की राशि का नियम विरुद्ध तरीके से निकली गई। इसमें अकेले एक वेंडर शिव शक्ति टेडर्स से 6 करोड़ 14 लाख रुपए निकाले गए।

प्रशासनिक अधिकारी व नेताओं का संरक्षण
इस कराधान घोटाले के मामले में राजनैतिक नेताओं एवं प्रशासनिक अधिकारियों को खुला संरक्षण रहा है। यही कारण है कि अब तक इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार नही हो पा रही थी। यहां कि इस मामले में आरोपी को बचाने लोकायुक्त में में प्रशासन ने गलत प्रतिवेदन भेजा था। जिस पर लोकायुक्त ने प्रशासनिक अधिकारियों को मामले में कड़ी फटकार भी लगा चुका है।

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