राजनीति

उत्तरप्रदेश से 80 सांसद, मुसीबत में कोई नजर नहीं आया! कई तो 1 साल से नहीं पहुंचे अपने संसदीय क्षेत्र

विंध्य भास्कर/ डेक्स रिपोर्टर: कोरोना महामारी में जब उत्तर प्रदेश की जनता को अपने जनप्रतिनिधियों की सबसे ज्यादा जरूरत है उन्हें ऑक्सीजन और दबाओ जैसी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए गिडगिडाना पड़ रहा है। इन परिस्थितियों में सांसदों की गैरमौजूदगी अखरती है। माननीयों ने जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया है। सबसे पहले बात करते हैं वाराणसी के सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी…..प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र में आखरी दौरा 30 सितंबर 2020 को किया था उन्होंने, हालांकि उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसी के जरिए जनता को संबोधित किया, लेकिन जनता के बीच नहीं पहुंचे। राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री, वे लखनऊ से सांसद है। आखिरी बार 11 मई को वो यहां नजर आए थे। जबकि कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को रायबरेली का दौरा किए हुए डेढ साल से ज्यादा का वक्त बीत गया हैं। उन्होंने आखिरी दौरा 22 जनवरी 2020 को किया था। सांसद मुलायम सिंह को मैनपुरी पहुंचे हुए 2 साल से ज्यादा वक्त बीत चुका है, उनका आखिरी दौरा 19 अप्रैल 2019 को अपने संसदीय क्षेत्र में नजर आए थे। अखिलेश यादव पूर्व सीएम 14 दिसंबर 2020 के बाद आजमगढ़ में नजर नहीं आए, जबकि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का आखिरी अमेठी दौरा 7 मई 2021 को रहा। मथुरा से सांसद हेमा मालिनी 28 मार्च 2021 को, गोरखपुर से सांसद रवि किशन 14 मई 2021 जबकि सुल्तानपुर से सांसद मेनका गांधी 12 अप्रैल 2021 को आखरी बार अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा करते हुए नजर आए। उत्तर प्रदेश में 18 हजार 707 लोग इस महामारी में अपनी जान गवा चुके हैं। यह सरकारी आंकड़ा है। असल तस्वीर और भी ज्यादा डरावनी हैं। लेकिन सांसद को तो वक्त ही नहीं मिल पा रहा, कि जनता की सुने और सुध ले। 62 सांसद अपने क्षेत्र से गायब रहे, इसीसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सबसे ज्यादा सांसदो वाले राज्य में उत्तर प्रदेश के सांसद जनता के प्रति कितने फिकर मंद है।

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