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इन 2 खिलाड़ियों ने की विराट कोहली के शुरुआत, लेकिन नही हो सके अपना करियर बनाने में सफल

विराट कोहली सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक माने जाते हैं भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली 20 जून को 2011 को किंग्स्टन में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना टेस्ट किया था फिलहाल विराट कोहली अपने टेस्ट डेब्यू की दोनों पारियों में केवल 4 एवं 15 स्कोर ही बना सके. इस युवा खिलाड़ी के बारे में किसी ने शायद ही सोचा होगा कि एक दिन यह बल्लेबाज भारत के लिए रन मशीन के नाम से जाना जाएगा कई बेहतरीन टेस्ट क्रिकेट रिकॉर्ड अपने नाम करने वाला यह बेहतरीन बल्लेबाज विराट कोहली के नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 75 शतक दर्ज हो चुके हैं।

क्रिकेट हो या कोई अन्य खेल हालांकि इसमें कामयाबी मिली यह जरूरी नहीं कई खिलाड़ियों ने भारत के लिए किया है परंतु कुछ समय बाद ही उनका कैरियर डगमगाने लगता है ठीक है ऐसा ही उन खिलाड़ियों के साथ भी हुआ जिन्होंने विराट कोहली के साथ अपने क्रिकेट की शुरुआत की थी। इस तरह तरफ से विराट कोहली अपने टेस्ट डेब्यू के बाद कामयाबी की सीढ़ी पर काफी तेजी से चढ़े और वही दो खिलाड़ियों का कैरियर विराट की तुलना में उतना सफल नहीं रहा।

प्रवीण कुमार

अगर हम बात करें भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार ने भी अपने टेस्ट करियर की शुरुआत विराट कोहली के साथ ही की थी वेस्टइंडीज के खिलाफ प्रवीण को सफेद गेंद से शानदार प्रदर्शन के कारण क्रिकेट के सबसे लंबे रूप में का मौका दिया गया था परंतु कुमार भारत के लिए लिमिटेड ओवर में काफी समय तक खेल नहीं सके उन्होंने मात्र 6 मैचों में ही खेलने का मौका मिला

अगर हम बात करें प्रवीण के नाम छे टेस्ट मैचों में 27 विकेट और इसी के साथ 68 वनडे में 57 विकेट तथा 10 T20 में 8 विकेट लिए हैं प्रवीण के पास गेंद को स्विंग कराने का हुनर मौजूद था परंतु इंजरी की समस्याओं की वजह से उनका कैरियर उधना उज्जवल नहीं हो सका।

अभिनव मुकुंद

अगर हम दूसरे नंबर खिलाड़ी की बात करें तो अभिनव मुकुंद का आता है जो कि तमिलनाडु के बेहतरीन ओपनिंग बल्लेबाज अभिनव मुकुंद का घरेलू क्रिकेट में काफी बड़ा नाम है इस बल्लेबाज ने विराट कोहली के साथ 2011 में किन स्वीटेस्ट अपने करियर की शुरुआत की थी मुकुंद के नाम सात टेस्ट मैचों में 320 रन दर्द है वही घरेलू क्रिकेट में मुकुंद का जलवा जबरदस्त है परंतु अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह बल्लेबाज कामयाबी किस वीडियो पर नहीं चल सका फिलहाल मुकुंद को लगातार मौके नहीं दिए गए और इसी वजह से इसका असर उनके प्रदर्शन पर भी देखा गया।

मुकुंद ने अपनी शुरुआती चार टेस्ट पारियों में अपने टेस्ट करियर का पहला और शतक जड़ा था और इसके बाद इंग्लैंड दौरे पर भी उन्होंने 49 रनों की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली थी को 2011 में लगातार कुछ मौके नहीं मिल पाए उनकी वजह से दोबारा वापसी 6 साल बाद हुई भारत के लिए 2 सत्रह में अपनी आखिरी टेस्ट पारी श्रीलंका के खिलाफ 81 रन की पारी खेली थी।

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