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PM मोदी ने किया अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो 2023 के उद्घाटन, बोले गुलामी ने हमारी लिखित-अलिखित धरोहर को नष्ट किया

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो 2023 उद्घाटन किया साथ ही निरीक्षण किया इसके साथ ही उन्होने एक जन सभा को भी संबोधीत किया इस मोखे पर उनके साथ कई दिग्गज नेता मोजुद रहे साथ ही हालही में बने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल भी उनके साथ मंच पर मोजुद रहे।

पीएम मोदी बोले

गुरुवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रगति मेंदान में एक जन सभा को संबोधित कर कहा कि आज का यह अवसर भारत की म्यूजियम की दुनिया में एक बहुत बड़ा टर्निंग पॉइंट लेकर आएगा। हमारी कितनी ही पांडुलिपियां और पुस्तकालय गुलामी के कालखंड में जला दिए गए, ये केवल भारत का नहीं पूरी दुनिया और पूरी मानवजाति का नुकसान था।

पीएम बोले गुलामी ने किया नुकसान

प्रधान मंत्री ने कहा कि गुलामी के सैकड़ों वर्षों के लंबे कालखंड ने भारत का एक नुकसान ये भी किया कि हमारी लिखित-अलिखित बहुत सारी धरोहर नष्ट कर दी गई। ये सिर्फ भारत का नुकसान नहीं हुआ है, ये पूरी दुनिया का नुकसान हुआ है। दुर्भाग्य से आजादी के बाद अपनी धरोहरों को संरक्षित करने के जो प्रयास होने चाहिए थे वो हो नहीं पाए, लोगों में धरोहरों के प्रति जागरूकता की कमी ने और ज्यादा बढ़ा दिया… इसलिए आजादी के अमृत काल में भारत ने जिन ‘पंच प्राणों’ की घोषणा की है उसमें प्रमुख है- अपनी विरासत पर गर्व।

पीएम बोले 10 म्यूजियम बनेगें

अमृत महोत्सव में हम भारत की धरोहरों को संरक्षित करने के साथ ही नया कल्चर इंफास्ट्रक्चर भी बना रहे हैं। देश के इन प्रयासों में स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास भी है और हजारों वर्षों की विरासत भी है। साथ ही कहा कि स्वाधीनता संग्राम में अपने जनजातीय समुदाय के योगदान को अमर बनाने के लिए हम 10 विशेष म्यूजियम बना रहे हैं। ये पूरे विश्व में एक ऐसी अनूठी पहल है जिसमें Tribal Diversity की व्यापक झलक दिखने वाली है।जब कोई देश अपनी विरासत को सहेजना शुरू करता है तो उसका एक और पक्ष सामने आता है और यह पक्ष है दूसरे देशों के साथ संबंधों में आत्मीयता। सात ही कहा कि म्यूजियम आज युवाओं के लिए सिर्फ एक Visiting Place ही नहीं बल्कि एक career option भी बन रहे हैं।

प्रयावरण पर बोले पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि जैसे हम परिवार में साधनों को, आने वाले कल के लिए जोड़ते हैं वैसे ही हमें पूरी पृथ्वी को एक परिवार मानकर अपने संसाधनों को बचाना है। हमारी धरती ने बीती सदियों में कई आपदाएं झेली हैं। इनकी स्मृतियां और निशानियां आज भी मौजूद हैं। हमने इन निशानियों के चित्रों की एक गैलरी के बारे में भी सोचना चाहिए। इस से पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। कहा कि पिछले वर्ष हमने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भगवान बुद्ध के चार अवशेषों को मंगोलिया भेजा और यह अवसर पूरे मंगोलिया के लिए एक उत्स्व बन गया। हमारी विरासत, वैश्विक एकता यानी World Unity का भी सूत्रधार बनती है।


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