रीवा. गर्मी की शुरुआत के साथ ही गांवों में पेयजल संकट गहराने लगा है। पारंपरिक जलस्रोत जैसे कुएं अधिकांश गांवों में या तो सूख चुके हैं या पुराने होने के कारण उपयोग के लायक नहीं रहे। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों की पेयजल व्यवस्था पूरी तरह से हैंडपंपों पर निर्भर हो गई है। कुछ जगहों पर जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल-जल योजना से पानी की आपूर्ति शुरू हुई है, लेकिन यह अभी भी पर्याप्त नहीं है।
रीवा और मऊगंज जिलों में बड़ी संख्या में हैंडपंप खराब हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की रिपोर्ट के अनुसार रीवा जिले में 2430 हैंडपंप ऐसे हैं जिन्हें मरम्मत की आवश्यकता है। इनमें से 1172 हैंडपंप जलस्तर नीचे जाने से बंद हो चुके हैं, जबकि 682 पूरी तरह खराब हो चुके हैं। इनकी जगह नए हैंडपंप खनन की आवश्यकता है। हालांकि विभाग की रिपोर्ट में संख्या सीमित बताई जा रही है, लेकिन गांवों से लगातार शिकायतें मिल रही हैं जिससे स्पष्ट है कि स्थिति गंभीर है। जिला पंचायत और जनपद की बैठकों में पेयजल संकट को लेकर लगातार हंगामा हो रहा है। विधायकों की मांग पर विधानसभावार पेयजल समीक्षा की जा रही है। रीवा शहर में भी कई हैंडपंप या तो खराब हो गए हैं या सड़कों के चौड़ीकरण के चलते हटाए जा चुके हैं।
प्रभारी मंत्री करेंगे पेयजल की समीक्षा
17 अप्रेल को प्रभारी मंत्री प्रहलाद पटेल रीवा आएंगे। यहां जिला योजना समिति की बैठक में पेयजल के मुद्दे को प्राथमिकता में रखा गया है। मंत्री का निर्देश भी आया है कि हर विधानसभा क्षेत्र की वस्तुस्थिति से जुड़ी रिपोर्ट उनके पास प्रस्तुत की जाए। इस कारण कलेक्टर ने भी जिलेभर से रिपोर्ट मंगाई है। सांसद जनार्दन मिश्रा ने भी पेयजल की समस्याओं के समाधान की बात कही है।
लगातार गिर रहा भूजल स्तर
भूजल स्तर लगातार गिर रहा है। इस वर्ष बारिश भी औसत से कम रही है। इसकी वजह से आने वाले दिनों में संकट और बढ़ सकता है। जिले के अधिकांश हिस्सों में 80 फीट से नीचे भूजल स्तर पहुंच चुका है। भूजल स्तर की जारी रिपोर्ट के अनुसार रीवा में 80 से 140 फीट, रायपुर कर्चुलियान में 80 से 180 फीट तक, गंगेव में 80 से 160, सिरमौर में 80 से 170, त्योथर में 80 से 160, मनगवां में 80 से 150, सेमरिया में 90 से 180 फीट, जवा में 80 से 165, डभौरा में 80 से 180 फीट तक जलस्तर पहुंच चुका है। मऊगंज जिले के हनुमना में 100 से 180 फीट तक, मऊगंज में 80 से 180 और नईगढ़ी में 80 से 180 फीट के बीच जलस्तर पहुंच चुका है।
पेयजल की जहां भी समस्याएं हैं उनकी लगातार समीक्षा की जा रही है। हैंडपंपों की मरम्मत के साथ ही नए खनन भी कराए जाएंगे।
प्रतिभा पाल, कलेक्टर
राइजिंग पाइप बदलने के निर्देश
हैंडपंपों से पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं आने की वजह से लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। इस पर हाल ही में कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कंट्रोल रूम की सभी शिकायतें पंजीबद्ध करने और उनके समाधान तत्काल करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए सभी ब्लाकों के क्षेत्रीय अधिकारियों और मैकेनिक के नंबर भी जारी किए गए हैं। कई गांवों में राइजिंग पाइप बदलने की गति तेज की जा रही है। बैठक में विधानसभा क्षेत्रों पेयजल व्यवस्था की समीक्षा की थी। जन-प्रतिनिधियों ने कहा था कि अधिकारी पंचायतों से समन्वय बनाकर प्रत्येक गांव में पेयजल की समुचित व्यवस्था कराएं। खराब हैडपंपों के सुधार व बंद नल जल योजनाओं में सुधार के कार्य किए जाएं। जल निगम द्वारा जहां पाइप लाइन डाली गई है वहां पीएचई के जलस्रोतों से पेयजल की आपूर्ति कराई जाए।