रीवा. देव उठनी एकादशी इस वर्ष मंगलवार को मनाई जाएगी। शहर में त्योहार की झलक देखी जा रही हैं, जगह-जगह इससे जुड़ी सामग्री की दुकानें सजाई गई है। इस दिन पूजा-अर्चना के बाद तुलसी विवाह का आयोजन किया जाएगा।
इसी के साथ ही मांगरिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो जाएगी। रीवा सहित पूरे विध्य क्षेत्र में इसे छोटी दीवाली के रूप में भी जाना जाता है, जिसकी तैयारी के लिए बाजार सज गया है। खासकर बाजार में गन्ना एवं शकरकंद की बहार देखी जा रही है। सोमवार को दिनभर लोग गन्ना की खरीददारी करते रहे।
खासकर इस पर्व को लेकर महिलाओं में उत्साह रहा। हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु पाताल लोक में चार महीने के लिए सोने चले जाते हैं उन महीनों को चातुर्मास के नाम से जाना जाता है। इन चार महीने में सारे शुभ काम रुक जाते हैं। वहीं जब वह चार महीने बाद कार्तिक मास के शुक्ल एकादशी में जागते है तो तभी से देवउठनी एकादशी से सारे शुभ काम की शुरुआत हो जाती है। लोग घरों में तुलसी विवाह का कार्यक्रम भी आयोजित करने की तैयारी में हैं।
इसलिए बाजार से जरूरी सामग्री की खरीदी की गई है। शहर के ज्योतिषाचार्य डॉ. भूपेन्द्र आचार्य ने बताया कि 12 नबम्बर को देवउठनी मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार देवउठनी एकादशी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन मनाई जाती है। इस साल देवउठनी एकादशी पूजा और व्रत 12 नवंबर को मनाया जाएगा। मंगलवार को 12.27 तक एकादशी रहेगी। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रात 3.28 तक रहेगा। यही वजह है कि देव उठनी एकादशी का दिन विशेष और महत्वपूर्ण रहेगा।
वैवाहिक आयोजनों की तैयारी के लिए सजा बाजार
देव उठनी एकादशी के साथ ही मांगलिक कार्य प्रारंभ होंगे। वैवाहिक कार्यक्रमों में कई रस्में होती हैं। इनमें अलग-अलग सामग्री की जरूरत होती है और कई लोगों को व्यवसायिक लाभ मिलता है। बांस के बर्तन व लकड़ी के मंडप, मगरोहन सहित अन्य होममेड सामग्री की जरूरतें पड़ती है, जो स्थानीय बाजार को बूस्ट और कई हाथों को रोजगार उपलब्ध कराती है।
वैवाहिक कार्यक्रमों का आयोजन अब अधिकांश बारातघरों में ही होता है। गांवों को छोड़कर शहर में स्थान की कमी के चलते बारातघरों में लोग कार्यक्रम करते हैं। करीब डेढ़ सौ की संख्या में बारातघर हैं। भोजन बनाकर देने के साथ ही सजावट आदि का अलग रेट है। वहीं स्टेज सजाने से लेकर वाहनों की सजावट तक का काम करने वाले भी इनदिनों अतिरिक्त कर्मचारी बुला लिए हैं ताकि एक दिन एक से अधिक बुकिंग मिले तब भी वह पूरी कर सकें। कपड़े और गहनों की खरीदी का कार्य कई दिन पहले से प्रारंभ हो चुका है।
बारात के लिए साफा और अन्य सामग्री के भी दुकानों में विशेष स्टाल सजाए गए हैं। दहेज में दिए जाने वाले फर्नीचर, बर्तन और इलेक्ट्रानिक सामग्री भी लोग खरीद रहे हैं। अधिकांश बड़े सामान खरीदने वाले लोगों ने रुपए देकर बुकिंग कर ली है।