केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भोपाल में आयोजित एक सहकारिता सम्मेलन में मध्य प्रदेश की सहकारी और डेयरी क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि राज्य में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) के कंप्यूटराइजेशन में मध्य प्रदेश ने देश में प्रथम स्थान हासिल किया है, जो शत-प्रतिशत उपलब्धि के साथ एक मिसाल बन गया है। शाह ने मध्य प्रदेश को सहकारिता और डेयरी क्षेत्र में सुशासन का प्रतीक बताते हुए इसे किसानों की आय बढ़ाने का स्वर्णिम अवसर करार दिया। उन्होंने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) और राज्य सरकार को मिलकर कम से कम 50 प्रतिशत गांवों तक सहकारी और डेयरी गतिविधियों का विस्तार करने का आह्वान किया। केंद्र सरकार ने इसके लिए वित्तीय सहायता और नीतिगत समर्थन का आश्वासन भी दिया।
-
मध्यप्रदेश, प्राथमिक साख सहकारी समितियों के कम्प्यूटराइजेशन में देश में प्रथम: केंद्रीय मंत्री श्री शाह
-
सहकारी समितियां अब टिकट बुकिंग, बिल जमा करने, पेट्रोल पम्प व गैस एजेंसी चलाने जैसी गतिविधियां भी करेंगी संचालित
-
प्रदेश में सुशासन के चलते, सहकारिता को जीवंत करने का स्वर्णिम अवसर
-
सहकारी गतिविधियों से होने वाली आय किसानों के खातों में आएगी: मुनाफा किसानों को मिलगा, व्यापारी को नहीं
-
केन्द्र सरकार के मार्गदर्शन में सहकारी आंदोलन में आया क्रांतिकारी परिवर्तन: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
-
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री शाह और मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन
पैक्स कंप्यूटराइजेशन में मध्य प्रदेश की उपलब्धि
केंद्र सरकार ने 2022 में देशभर की 63,000 से अधिक पैक्स को कंप्यूटराइज करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा था, ताकि सहकारी समितियों को डिजिटल तकनीक से जोड़ा जा सके। यह पहल सहकारी क्षेत्र में पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता बढ़ाने के लिए शुरू की गई थी। मध्य प्रदेश ने इस दिशा में अभूतपूर्व प्रगति की है। राज्य की 4,500 से अधिक पैक्स को पूरी तरह कंप्यूटरीकृत कर लिया गया है, जो देश में सबसे अधिक है। अमित शाह ने इसे “सहकारिता में डिजिटल क्रांति” का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश ने न केवल समय-सीमा से पहले लक्ष्य हासिल किया, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल प्रस्तुत किया है।
पैक्स के कंप्यूटराइजेशन से किसानों को कई लाभ मिल रहे हैं। अब वे अपने लेनदेन, ऋण, और ब्याज दरों की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं। डिजिटल प्लेटफॉर्म ने भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर अंकुश लगाया है, जिससे सहकारी समितियों पर किसानों का भरोसा बढ़ा है। शाह ने बताया कि केंद्र सरकार ने इस परियोजना के लिए 2,500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है, जिसमें मध्य प्रदेश0,000 पैक्स को डिजिटल नेटवर्क से जोड़ा गया है। मध्य प्रदेश ने इस प्रक्रिया में स्थानीय स्तर पर तकनीकी प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया, जिसके परिणामस्वरूप यह उपलब्धि हासिल हुई।
मध्य प्रदेश का डेयरी क्षेत्र: देश का गौरव
अमित शाह ने मध्य प्रदेश के डेयरी क्षेत्र की प्रगति को देश के लिए गौरवपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रतिदिन साढ़े पांच करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है, जो देश के कुल दूध उत्पादन का 9 प्रतिशत है। मध्य प्रदेश ने पिछले एक दशक में डेयरी क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है, और यह सहकारी मॉडल पर आधारित है। सांची और अमूल जैसे ब्रांडों ने राज्य के दूध उत्पादकों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ा है। शाह ने कहा कि मध्य प्रदेश में डेयरी क्षेत्र न केवल किसानों की आय बढ़ा रहा है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर रहा है। हालांकि, उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। वर्तमान में मध्य प्रदेश के केवल 30-35 प्रतिशत गांव ही डेयरी और सहकारी गतिविधियों से पूरी तरह जुड़े हैं। शाह ने NDDB और राज्य सरकार को संयुक्त रूप से कम से कम 50 प्रतिशत गांवों तक इन गतिविधियों का विस्तार करने का लक्ष्य दिया। इसके लिए उन्होंने नीतिगत सुधारों, बुनियादी ढांचे के विकास, और प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डेयरी क्षेत्र का मौजूदा ढांचा “टू-लेन राजमार्ग” की तरह है, जिसे “छह-लेन राजमार्ग” में बदलने की जरूरत है।
केंद्र और राज्य का संयुक्त प्रयास
शाह ने केंद्र सरकार की ओर से मध्य प्रदेश के किसानों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार “चट्टान की तरह” किसानों के साथ खड़ी है। उन्होंने NDDB को मध्य प्रदेश में दूध की प्रोसेसिंग और मूल्यवर्धन (वैल्यू एडिशन) पर ध्यान देने का निर्देश दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि दूध से विभिन्न उत्पाद जैसे दही, पनीर, मक्खन, घी, और डेयरी-आधारित मिठाइयां तैयार की जाएं, ताकि किसानों को अधिक लाभ मिले। इसके लिए नई प्रोसेसिंग इकाइयों की स्थापना और मौजूदा इकाइयों के आधुनिकीकरण की आवश्यकता है। केंद्र सरकार ने डेयरी क्षेत्र के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें राष्ट्रीय पशुधन मिशन, डेयरी उद्यमिता विकास योजना, और राष्ट्रीय गोकुल मिशन शामिल हैं। इन योजनाओं के तहत मध्य प्रदेश को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। शाह ने बताया कि हाल ही में केंद्र ने डेयरी क्षेत्र के लिए 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट आवंटित किया है, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा मध्य प्रदेश जैसे अग्रणी राज्यों को मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार नई सहकारी नीति पर काम कर रही है, जो 2025 के अंत तक लागू हो सकती है।
सहकारिता और सुशासन का स्वर्णिम अवसर
अमित शाह ने मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में चल रहे सुशासन की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह सहकारिता को जीवंत करने का स्वर्णिम अवसर है। मध्य प्रदेश ने न केवल डेयरी और सहकारी क्षेत्र में प्रगति की है, बल्कि कृषि, बागवानी, और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। शाह ने कहा कि सहकारिता का मॉडल ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने का सबसे प्रभावी तरीका है। उन्होंने किसानों, सहकारी समितियों, और सरकारी अधिकारियों से अपील की कि वे इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाएं।
उन्होंने यह भी बताया कि मध्य प्रदेश में सहकारी समितियों की संख्या पिछले पांच वर्षों में 25 प्रतिशत बढ़ी है। राज्य में अब 10,000 से अधिक सक्रिय सहकारी समितियां हैं, जो लगभग 50 लाख किसानों को सीधे लाभ पहुंचा रही हैं। इन समितियों ने न केवल ऋण और बीज उपलब्ध कराए, बल्कि बाजार तक पहुंच, तकनीकी सहायता, और बीमा योजनाओं को भी बढ़ावा दिया है। शाह ने कहा कि मध्य प्रदेश का सहकारी मॉडल अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय है।
अमित शाह ने भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मध्य प्रदेश को डेयरी और सहकारी क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का लक्ष्य है। उन्होंने सुझाव दिया कि NDDB और राज्य सरकार को मिलकर एक रोडमैप तैयार करना चाहिए, जिसमें अगले पांच वर्षों में दूध उत्पादन को 25 प्रतिशत बढ़ाने और प्रोसेसिंग क्षमता को दोगुना करने का लक्ष्य शामिल हो। इसके लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी, स्टार्टअप्स का समर्थन, और नवाचारों को बढ़ावा देना होगा। हालांकि, उन्होंने कुछ चुनौतियों का भी जिक्र किया। मध्य प्रदेश में कई क्षेत्रों में पशु चारे की कमी, अपर्याप्त प्रोसेसिंग इकाइयां, और तकनीकी प्रशिक्षण की कमी जैसे मुद्दे अभी भी बने हुए हैं। शाह ने इन समस्याओं के समाधान के लिए केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त कार्ययोजना पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डेयरी क्षेत्र में मशीनीकरण और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग को बढ़ावा देना होगा, ताकि उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार हो।