Maharashtra Assembly Elections 2024: भारत के सबसे महत्वपूर्ण राज्यों में से एकए एक बार फिर चुनावी मैदान में है। आज इस विधानसभा चुनाव में राज्य की सभी 288 सीटों के लिए मतदान हो रहे हैं। जिसके परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। यह चुनाव न केवल महाराष्ट्र के भविष्य को आकार देगाए बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी गहरा प्रभाव डालेगा।
पिछले पांच वर्षों में महाराष्ट्र की राजनीति में आए उथल-पुथल ने इस चुनाव को अत्यंत रोचक बना दिया है। 2019 के चुनावों के बाद से, राज्य ने कई राजनीतिक उलटफेर देखे हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 राज्य के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह चुनाव न केवल राज्य की राजनीतिक दिशा तय करेगा, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी गहरा प्रभाव डालेगा। बदले हुए राजनीतिक समीकरण, नए गठबंधन, और उभरते मुद्दों के साथ, यह चुनाव महाराष्ट्र के लोकतांत्रिक प्रक्रिया की मजबूती का प्रतीक है।
महाराष्ट्र के मतदाताओं के पास अपने राज्य के भविष्य को आकार देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। उनके फैसले न केवल अगले पांच वर्षों के लिए राज्य के शासन को निर्धारित करेंगे, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की गतिशीलता को भी प्रदर्शित करेंगे। इस चुनाव के परिणाम, जो कि 23 नवंबर को घोषित होंगे, निश्चित रूप से देश भर में ध्यान खींचेंगे और भारतीय राजनीति के भविष्य पर गहरा प्रभाव डालेंगे।
- शिवसेना का विभाजन: उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में बंटवारा।
- एनसीपी का विभाजन: शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में विभाजन।
- नए गठबंधन: इन विभाजनों के परिणामस्वरूप दो प्रमुख गठबंधन उभरे – महायुति और महा विकास अघाड़ी (एमवीए)।
प्रमुख गठबंधन:
महायुति:
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट)
महा विकास अघाड़ी (एमवीए):
कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट)
प्रमुख मुद्दे और चुनाव प्रचार:
महायुति का फोकस:
“माझी लाडकी बहिण” जैसी महिला-केंद्रित योजनाएं “बंटेंगे तो कटेंगे” और “एक हैं तो सेफ हैं” जैसे नारे विकास और सुशासन का वादा
एमवीए का एजेंडा:
जाति आधारित जनगणना की मांग
सामाजिक न्याय पर जोर
संविधान की रक्षा का वादा
महायुति के नारों को धार्मिक ध्रुवीकरण के प्रयास के रूप में चित्रित करना
नेतृत्व का सवाल:
महायुति गठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
एकनाथ शिंदे: वर्तमान मुख्यमंत्री, लेकिन उनकी भूमिका पर सवाल
देवेंद्र फडणवीस: पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान उपमुख्यमंत्री, जिन्होंने खुद को दौड़ से बाहर बताया
अजित पवार: उपमुख्यमंत्री, जिनकी महत्वाकांक्षाओं पर चर्चा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान ने इस मुद्दे पर और अनिश्चितता पैदा कर दी है, जिससे अटकलें लग रही हैं कि क्या महायुति से कोई नया चेहरा मुख्यमंत्री पद के लिए सामने आ सकता है।