इंफाल. मणिपुर में सोमवार को सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड़ में कम से कम 11 संदिग्ध कुकी उग्रवादी मारे गए और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक जवान शहीद हो गया। पुलिस ने 10 उग्रवादी के शव बरामद होने की पुष्टि की। जिरीबाम जिले के जाकुराधोर करोंग में हुई इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ के एक अन्य जवान के घायल होने की भी सूचना है।
- CRPF का जवान शहीद, पांच नागरिक लापता
मुठभेड़ के बाद से पांच नागरिक लापता बताए गए है। यह स्पष्ट नहीं है कि लापता नागरिकों को उग्रवादी अपने साथ ले गए या वे खुद ही हमले के डर से कहीं छिपे है। लापता नागरिकों और छिपे उग्रवादियों को खोजने का काम चल रहा है। इलाके में काफी तनाव है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए है।
जिरीबाम में मुठभेड़ दोपहर 2.30 बजे तब शुरू हई जब बोरोबेकरा सब-डिविजन के जाकुराधोर करोंग इलाके में उग्रवादियों ने खेतों में काम कर रहे किसानों पर हमला कर दिया और आसपास की दुकानों को आग लगाने लगे। उग्रवादियों ने सीआरपीएफ कैंप और पुलिस स्टेशन पर भी हमले किए। जवाब में सीआरपीएफ जवानों ने भी फायरिंग की। कुकी उग्रवादियों ने तीसरे दिन किसानों व नागरिकों पर हमले किए। इंफाल ईस्ट में खेत में काम कर रहे एक युवक को गोली मार कर घायल कर दिया।
बिष्णुपुर जिले में उग्रवादियों ने कृषि कार्य रोकने के लिए किसानों पर बम और गोलियां बरसाई। ताजा हिंसा का दौर पिछले सप्ताह गुरुवार को शुरू हुआ जब मैतेई हथियार बंद उग्रवादियों ने आदिवासी बहुल जैरोन हमार गांव पर हमला कर दिया और घरों को आग लगा दी। इस दौरान ग्रामीणों ने आसपास के जंगलों में छिपकर अपनी जान बचाई। बाद में कुकी-जो संगठन ने दावा किया कि गांव में 31 साल की एक महिला को बलात्कार के बाद बर्बरतापूर्वक मार दिया गया।
इंफाल. सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए उग्रवादियों के बरामद हथियार। घटना के बाद इंफाल पश्चिम के कांगचुप क्षेत्र में सोमवार रात सशस्त्र उग्रवादियों ने मैतेई समुदाय के घरों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया।
ताजा हिंसा से शांति प्रयासों को झटका
■ मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह मे माना कि हिंसा की ताजा घटनाओं से शांति के प्रयासों को झटका लगा है। हालांकि उनका कहना है कि सरकार राज्य में शांति लाने की लगातार कोशिश करती रहेगी।
■ डीजीपी ने बताया कि केंद्र सरकार के प्रयासों से पहली बार 15 अक्टूबर को मैतेई, कुकी और नगा समुदायों के प्रतिनिधियों के बीच सीधी बातचीत शुरू हुई है। इसमें तीनों समुदायों के सांसद- विधायक भी शामिल हुए।
■ तीनों समुदायों की ओर से एक संयुक्त अपील भी जारी की गई जिसमें जातीय तनाव को कम कर शांति बनाने के लिए पहल करने की बात कही गई। लेकिन, पिछले सप्ताह से हिंसा का नया दौर शुरू हो गया।
डेढ़ साल से चल रहा है हिंसा का दौर
मणिपुर में पिछले साल तीन मई से कुकी और मैतई समुदायों के बीच हिंसा जारी है। 200 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। हजारों बेघर हो गए हैं। हाईकोर्ट की ओर से मैतेई समुदाय को एसटी का दर्जा देने के आदेश के विरोध में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन (एटीएसयू) ने रैली निकाली थी जिसमें हिंसा भड़क गई। उसके बाद से ही इस उत्तर-पूर्वी राज्य में हिंसा का भयानक दौर चल रहा है।