नया साल शुरू होने में 4 दिन रह गए हैं। एक जनवरी, 2025 से कई नियमों में बदलाव हो रहा है, जिनका संबंध सीधे आपके घर और जेब से है। नए साल में पेंशन निकालने के लिए नियमों में बदलाव होगा तो जीएसटी पोर्टल में भी बदलाव किए जा रहे हैं। एफडी और शेयर बाजार के नियम भी बदल जाएंगे।
बदलाव की घड़ियां नजदीक जीएसटी और एफडी को लेकर नई व्यवस्था, पेंशन की निकासी होगी आसान
किसी भी बैंक से निकाल सकेंगे पेंशन
नए साल में ईपीएफओ पेंशनर्स को बड़ी राहत देने जा रहा है। पेंशनर्स पेंशन राशि किसी भी बैंक से निकाल सकेंगे। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं होगी। नई प्रणाली से देशभर के 78 लाख से ज्यादा पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा।
यूपीआइ 123पे से 10 हजार तक भुगतान
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने परिचर फोन से ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा देने के लिए यूआई 123पे की शुरुआत की थी। नए साल में इसकी ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ाते हुए 5.000 रुपए से 10,000 रुपए कर दी गई है। इससे छोटे दुकानदारों को फायदा मिलेगा।
किसानों को बिना गारंटी 2 लाख लोन
नए साल में किसानों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। एक जनवरी से किसानों को बिना गारंटी 2 लाख रुपए तक का लोन मिल सकेगा। बीते दिनों आरबीआइ ने बिना गारंटी लोन की सीमा में इजाफा करने का ऐलान किया। पहले यह सीमा 1.6 लाख रुपए थी।
जीएसटी पोर्टल पर कड़ी सुरक्षा
नए साल में करदाताओं के लिए मल्टी-फैक्टर ऑयेंटिकेशन (एमएफए) अनिवार्य होगा। इससे जीएसटी पोर्टल पर सुरक्षा पहले से अधिक कड़ी हो जाएगी। वहीं, 180 अधिक पुराने कारोबारी लेन- देन के लिए ई-वे बिल (ईडब्ल्यूबी) तैयार नहीं किए जा सकेंगे।
अमरीका के वीजा आवेदकों को राहत
अमरीकी दुतावास मारतीय गैर- अप्रवासी वीजा आवेदकों को बिना अतिरिक्त शुल्क एक बर अपॉइंटमेंट पुनर्निधर्धारित करने की अनुमति देगा। अतिरिक्त पुनर्निर्धारण के लिए पुनः आवेदन और भुगतान करना होगा। बाईलैंड के लिए ई- वीजा की सुविधा भी शुरू होगी।
शेयर मार्केट का नियम भी बदलेगा
फ्यूचर और ऑपान ट्रेडिंग करने वालों के लिए सेंसेक्स, सेंसेक्स 50 और बैंकेक्स से मंगली एक्सपायरी में बदलाव होगा। असा या शुक्रवार की जगह मंगलवार को होगी। तिमाही व छमाही कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपानाहरी आखिरी मंगलवार को होगी।
एफडी व एनबीएफसी के नियमों में बदलाव
आरबीआइ ने 1 जनवरी से एनबीएफसी और एचएफसी के साथ एफड़ी से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। डिपॉजिट लेने, लिक्विड एसेट का निश्चित प्रतिशत रखने, डिपॉजिट का बीमा कराने व आपातकालीन स्थिति डिपॉजिट वापस करने के नियम बदलेंगे।